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।रतलाम – यदि आप लोन ले रहे है तो आपको सावधान हो जाने की अधिक आवश्यकता है यदि आप किसी लोन में गवाह भी बन रहे है तो तो भी आप सावधान हो जाए क्योंकि ऐसा न हो की आप दूसरो की भलाई करने के चक्कर में वह भलाई आप पर ही ज्यादा भारी पड़ जाए और आपको ही लोन की भरपाई करनी पड़ जाए और जब आपके साथ लोन के नाम धोखाधड़ी हो तो आप कनूनी कार्यवाही के लिए सरकारी गलियारों में चक्कर लगाते लगाते थक जाए और कुछ भी न हो क्योंकि हम आपको जो यह मामला बता रहे है वह दो या पांच हजार का नही अपितु एक करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी का है और यह धोखाधड़ी करने वाला कोई व्यक्ति विशेष या कोई संगठन नही बल्कि देश की जानी मानी बैंक है जिसका नाम AU small finance Bank है जिसका बताना गया है की हमसे बदलाव है , बदलाव ही हमसे है मानो ऐसा प्रतीत होता है की इस बैंक ने तो सच ही में इस पीड़ित के जीवन में फर्जीवाड़ा करके बदलाव कर दिया है

जिसने रतलाम के रहने वाले एसबीआई बैंक के कार्य करने वाले सेवानिवृत कर्मचारी को ही अपने चंगुल में घसीट लिया है और अब उन पर दबाव बना कर लाखो रुपए ऐंठ लिए गए है आइए आज हम आपको रूबरू करवाने जा रहे है उस AU SMALL FINANCE BANK के द्वारा किए गए कारनामे की तो आप भी इस फर्जी बैंक से लोन लेना ओर अपना खुलवाया गया अकाउंट भी बंद करवा देंगे आवेदन के माध्यम से बताया जाता है की शिवांश पिता मधुसूदन त्रिवेदी ब्राह्मणो का वास रतलाम में निवास करते है प्रार्थी शिवांश 24 वर्ष के युवा है और यह एमबीए की पढ़ाई कर रहे है और इनके पिता मादुसूधन एसबीआई बैक के पूर्व कर्मचारी रह चुके है

1 ) इस मामले में मधुसूदन की मोसी और शिवांश इंटरप्राइजेस की मुख्य प्रोपाइटर शांतिदेवी पति मोहनलाल ने अपने जनरेटर के व्यवसाय के लिए वर्ष 2017 में Au बैंक की दो बत्ती स्थित शाखा से 90 , 68 , 000 का लोन आवेदन दिया था तथा उनके नाम 15 वर्ष की अवधि के लिए स्वीकृत हुआ था जिस पर बैंक द्वारा लोन की उक्त राशि वर्ष 2017 में ही शांतिदेवी के बैंक खाते में जमा की गई

2 ) बैंक लोन चलने के कारण शांतिदेवी के परिवार द्वारा उनकी लिखी गई वसीयत और उनका मृत्यु प्रमाण पत्र बैंक में जमा किया गया शांतिदेवी के लोन राशि की सुरक्षा के लिए बीमा पॉलिसी के तहत लोन राशि जमा करने और क्लेम सेटल करने का बैंक द्वारा लिखित छोड़कर मौखिक कहा गया तथा बैंक द्वारा लालच देते हुए आवेदक को बीमा पॉलिसी ब्रांच में जमा न होना ओर आवेदक की बीमा पॉलिसी आने का आश्वासन दिया गया बैंक द्वारा कई दफा आश्वासन पर आश्वासन दिया गया

3 ) तत्कालीन बैंक ब्रांच मैनेजर द्वारा उक्त लोन में गवाह बने व्यक्तियों से शांति देवी की बीमा पॉलिसी आने का आश्वासन और तब तक लोन राशि डिफॉल्ट न हो तब तक बहला फुसलाकर बैंक ने गवाह / ग्यारंटर से पांच साल में 70 ,68 , 181 रुपए आवेदक शांतिदेवी के खाते में जमा करवा दिए और बैंक जालसाजी करते हुए मधुसुदन को झूट मच का आश्वासन दिया जाता रहा ओर आवेदक शांतिदेवी के लोन खाते की बीमा पॉलिसी राशि जमा नही करवाई और मधुसुदन को बार बार लोन खाते में राशि जमा करवाने हेतु बैंक ने दबाव बनाया और बीमा पॉलिसी लापता कर दी

। 4 ) बैंक द्वारा कनूनी कार्यवाही का हवाला देते हुए अप्रैल 2022 में गवाह शिवांश और पिता मधुसुधन को सेरफेसी एक्ट के तहत नोटिस जारी कर भेजा गया *क्या होता है सेरफेसी एक्ट ??* सरफेसी अधिनियम (SARFAESI Act) एक कानून है जिसके द्वारा भारतीय बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों को अदालतों के हस्तक्षेप के बिना क्रेडिट डिफॉल्टरों (ऋण न चुकाने वाले लोगों) की संपत्ति को बेचने या नीलाम करने का हक मिलता है।

5 ) बैंक से प्रताड़ित होकर मधुसूदन ने प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली में डाक के माध्यम से शिकायत दर्ज करवाई और बैंक से पुन: बीमा पॉलिसी की प्राप्ति हेतु निवेदन किया गया था ….

6 ) जालसाज बैंक द्वारा खेल खेला गया जो अब है*  यह है सबसे बड़ा आरोप जो साबित है*
इस पूरे मामले में जब लोन आवेदक ही शिवांश के पिता की मौसी है और शिवांश और उसके पिता सिर्फ गवाह और ग्यारंटर थे  , किंतु उक्त घटना में लिप्त बैंक द्वारा जालसाजी  करके दस्तावेजों में हेर फेर करके बीमा पॉलिसी आवेदक शांति देवी की नही बल्कि उक्त लोन प्रकरण में गवाह बने शिवांश के नाम से डाक द्वारा भेजी गई  बाद में मादुसूदन ने रतलाम उपभोक्ता फोरम कार्यालय में जाकर बैंक तथा बीमा कंपनी पर कार्यवाही के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया बाद में उपभोक्ता फोरम कार्यालय द्वारा एक्शन लिया गया तो बैंक द्वारा नकली डिजिटल हस्ताक्षर करवाकर फर्जी दस्तावेज पेश किए गए बताया जाता है की आयकर के विवरण के अनुसार लोन लेने की  का एक मात्र पात्र सिर्फ मधुसूदन की मौसी शांतिदेवी थी उनका सिविल स्कोर बेस्ट बताया जाता है जिस पर उनको लाखो रूपये का लोन स्वीकृत हुआ था

बैंक द्वारा फिर जालसाजी कर डिक्लरेशन में मेंबरशिप फार्म में शिवांश के फर्जी हस्ताक्षर करके मेरा वजन ओर मेरे कद की जानकारियां गलत अंकित की गाई जिसकी मेरे धारा विशेषज्ञों से इन दस्तावेजों पर अंकित जानकारियां की जांच करवाई गई तथा बैंक और बीमा कंपनियों ने मुझसे धन कमाने के उद्देश्य से फर्जी बीमा पॉलिसी मधुसुदन के पुत्र शिवांश के नाम से तैयार किया गया

8 ) शिकयत कर्ता मधुसूदन ने बताया की लोन राशि प्राप्ति के बाद मोसी का देहान्त हो गया था उसके बाद बैंक ओर बीमा पॉलिसी कंपनी ने मेरे धन को हड़पने के लिए यह सब फर्जी हथकंडे अपनाए है मुझसे लोन तारीख से पांच साल में 70 लाख रूपये से ज्यादा वसूल कर लिए गए और अब पुन: एक करोड़ से ज्यादा का नोटिस भेज देने के लिए कहा गया

अब बात की जाए तो इस पूरे प्रकरण में कैसे एक बैंक कर्मचारी मधुसूदन को AU small finance Bank ओर बीमा पॉलिसी कंपनी द्वारा फर्जी तरीके से असली काम को अंजाम दिया गया और लाखो रुपए सिर्फ मौखिक बाते करके ऐठ लिए गए और पुन एक करोड़ से ज्यादा का नोटिस भेज दिया गया जब मधुसुदन इस पूरे मामले की शिकायत लेकर थाना स्टेशन रोड गए तो पुलिस द्वारा भी इस मामले को गंभीरता से न लेकर सिर्फ अब तक जांच का हवाला दिया गया और जब एसपी रतलाम द्वारा भी जांच को आगे प्रेषित किया गया ….

बताया जाता है की जब इस पूरे मामले में बैंक की और से पक्ष जानने के लिए A U बैंक के क्षेत्रीय अधिकारी विशाल चतुर्वेदी से संपर्क किया तो उन्होंने भी इस मामले में जवाब देने से मुंह फेर लिया और टालम टोली करते हुए कॉल को कट कर दिया गया …..


इस बात से साफ है की देश में कितने ही ऐसे लोग ठगी का शिकार हो रहे है और जब वह इसकी शिकायत लेकर शासकीय कार्यालय में मदद को जाते है तो सिर्फ उन्हें सरकारी गलियारों के चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ता है इसलिए आप भी सावधान रहे सतर्क रहे

शिकायत कर्ता मधुसुदन त्रिवेदी जो अपनी स्वर्गीय मौसी की तस्वीर

अपने साथ हुई घटना की लिखित शिकायत बताते हुए शिकायत कर्ता मधुसूदन

शिकायत कर्ता मधु सूदन द्वारा समय समय पर भरी गई लोन की किश्ते का स्टेटमेंट


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Tushar Sharma

By Tushar Sharma

पंजीयन जानकारी : – स्वतंत्र कलम न्यूज़ पोर्टल भारत सरकार के एमएसएमई विभाग से पंजीकृत होकर स्वीकृत है तथा इसका पंजीकरण क्रमांक –UDYAM –MP–37–0017120 है , त्तथा इसका संचालन रतलाम जिले से किया जाता है । निजी जानकारी: – वर्ष 2020 से लगातार पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत, शुरू से ही प्रिंट मीडिया में कार्य का अनुभव और वर्तमान में अब प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में कार्यरत ,तथा स्वयं का न्यूज पोर्टल भी संचालित है । 2020 में सर्वप्रथम पत्रकारिता की शुरूवात साप्ताहिक समाचार पत्र परखा दर्पण से शुरू की जिसमे कैमरामैन की भुमिका निभाई , उसके बाद सांध्य दैनिक सिंघम टाइम्स में पेपर वितरण की भूमिका निभाई फिर सिंघम रिपोर्टर की भूमिका की निभाई साथ ही जेटीवी भारत और साप्ताहिक समाचार पत्र इन्दौर फर्स्ट में जिला रिपोर्टर की भूमिका भी निभाई गई , वर्तमान में सांध्य दैनिक समाचार पत्र संघर्ष से सिद्धि , में जिला रिपोर्टर की भूमिका ओर स्वयं का न्यूज़ पोर्टल स्वतंत्र कलम का संचालन ।

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