रतलाम : – भगवान शिव का एक नाम भोलेनाथ नाथ है। यह नाम उनके भोले स्वभाव के कारण है। उनसे जो मांगो वो बिना उसका परिणाम देखे दे देते है। वो इतने भोले है कि देवता और असुर में भी कोई भेद नहीं करते। भगवान शिव केवल भक्ति का भाव देखते है। इसलिए भोलेनाथ सबके नाथ है, उन्हें प्रसन्न करना अन्य देवताओं की अपेक्षा अधिक सरल है। भगवान शिव को अर्पण एक बिल्वपत्र मनुष्य के जन्मों के पापों का नाश कर देता है।
भोलेनाथ इतने भोले है की पहले से चढ़ा बिल्वपत्र धोकर पुनः चढ़ा दो तो भी वही कार्य होगा जो ताजा बिल्वपत्र चढ़ाने से होता है। यह बात उज्जैन के कथावाचक आचार्य पंडित श्री अश्विन रावल ने शिवमहापुराण कथा के दौरान कही। रतलाम नगर के प्राचीन श्री गढ़केलाश महादेव मंदिर पर अधिकमास शिव आराधना परिवार सावन के पवित्र महीने के मौके पर संगीतमय श्री शिव महापुराण का आयोजन किया जा रहा है। कथा चार दिनों तक श्री गढ़ कैलाश मंदिर में आयोजित की जा रही है। कथा के तीसरे दिन शिवमहापुराण में वर्णित भगवान शिव की पवित्र 12 ज्योतिर्लिंग का संक्षेप में महत्व बताया।
शिवमहापुराण कथा के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंगों के न सिर्फ दर्शन करने पर शिव भक्त को विशेष फल की प्राप्ति होती है बल्कि इनका प्रतिदिन नाम लेने मात्र से जीवन के सभी दु:ख दूर हो जाते हैं। बड़ी संख्या में बच्चे, महिलाएं व बुजुर्ग समेत युवा भी कथा श्रवण का आनंद ले रहे है।
कथा श्रवन के दौरान भेरूलाल छातोद, संजय मोतीलाल दवे, राजेंद्र देवड़ा, रामचंद्र रोतेला, सतीश भारती, मुन्नालाल शर्मा, राजेश कटारिया, शैलेन्द्र सोनी, रवि सोनी, संजय पाटीदार, विनोद माली, विकास बाबू देवड़ा, योगेश रेडा, जितेंद्र मालवीय, रितेश झाला आदि भक्तजन मौजूद रहे।
वितरित किए गए अभिमंत्रित रुद्राक्ष-शनिवार को वैदिक जागृति ज्ञान विज्ञान पीठ द्वारा शिव महापुराण कथा में उपस्थित सभी भक्तजनों को अभिमंत्रित रुद्राक्ष का वितरण भी किया गया। साथ ही भक्तों को दिव्य महारुद्राक्ष, नेपाल गण्डकी नदी से लाये शालिग्राम जी, महाशंख, रुद्राक्ष पल, स्फटिक शिवलिंग, पारद शिवलिंग, अंगारेश्वर शिवलिंग सहित नर्मदेश्वर शिवलिंग के दर्शन भी करवाए गए।
कल होगा समापन और पार्थिव शिवलिंग निर्माण –
आयोजन समिति के आशीष सोनी ने बताया कि चार दिवसीय शिवमहापुराण कथा का समापन रविवार को होगा। इस अवसर पर दीप दान का आयोजन भी किया जाएगा। रविवार को दोपहर 12 बजे से 11 हजार पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं रुद्राभिषेक का कार्यक्रम शुरू होगा। रतलाम की सभी धर्म प्रेमी जनता शिवमहापुराण का लाभ लेते हुए निःशुल्क पार्थिव शिवलिंग पूजन में भी उपस्थित होने का निवेदन है।
