रतलाम – : निगम के अफसर चाहे कितनी भी चतुराई अपना ले किंतु जब उन पर कनूनी कार्यवाही का डंडा आता है तो अच्छे अच्छे अफसर अपना आपा खो बैठ जाते है तकरीबन एक माह पूर्व हुई निगम के उद्यान विभाग में फर्जी नियुक्ति खेल उजगार होने के बाद निगम के भ्रष्ट अफसर जोड़ तोड़ का जुगाड लगाते रहे किंतु अभी तक कोई जुगाड नही लगा पाए , बात की जाए तो निगम के उद्यान विभाग में पदस्थ अधिकारी अनिल पारा और उसके सहयोगी मनीष नायक मोटी रकम लेकर उनके ही विभाग में फर्जी नियुक्ति कर काम पर लगवाते है , बताया जाता है की निगम में नियुक्तियां करवाने में निगम के बड़े बड़े साहब लोगो का तक का भी जैक लगवाने में निगम के भ्रष्ट अफसर कोई कसर नहीं छोड़ते है और अपना काम कारवालेते है आज इसी एक मामले को लेकर हाई कोर्ट एडवोकेट विकास सोनी द्वारा निगम आयुक्त को कनूनी कार्यवाही का नोटिस जारी कर थमा दिया गया है जिसमे उन्होंने स्पष्ट ओर साफ तौर पर कहा है की आठ दिन में नियुक्ति से संबंधित समस्त आवेदन में उल्लेखित की गई जानकारियां तय समय में उपलब्ध करवाकर भेजे अन्यथा समय निकलने के बाद हमें प्राप्त उक्त साक्ष्य के आधार पर माननीय न्यायालय की शरण लेने के लिए हमें विवश होना पड़ेगा
बताया जाता है की निगम का जो उद्यान विभाग है वह रतलाम श ह र के महापौर प्रह्लाद पटेल के पास है और भ्रष्ट अफसर अनिल पारा और सहयोगी मनीष नायक उनके ही विभाग में पदस्थ है जिसने तकरीबन एक माह पहले रुपए की हेरा फेरी कर फर्जी नियुक्ति करवाने की चर्चा की कॉल रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई थी निगम सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार जिसमे एक कर्मचारी तो मनीष नायक का बड़ा बेटा ही है …जिसकी हाजरी घर बेठे ही लगती थी
निगम के उद्यान विभाग में हुई फर्जी नियुक्ति के खेल की चर्चा की कॉल रिकॉर्डिंग सहित अन्य साक्ष्य प्राप्त होते ही स्वतंत्र कलम न्यूज़ द्वारा यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया था और सूचना का अधिकार अधिनियम तहत आवेदन पत्र प्रस्तुत कर निगम में हुई नियुक्ति की जानकारी मांगी गई थी किंतु कार्यवाही के डर से घबराए अफसरों ने केंद्र सरकार का एक आदेश का हवाला देते हुए आवेदन पत्र निरस्त कर दिया गया था जिस पर आगे की कार्यवाही के लिए पुन: अब निगम आयुक्त को आठ दिन के भीतर कर्मचारियों से संबंधित नियुक्ति की चाही गई समस्त जानकारियां उपलब्ध करवाने हेतु एडवोकेट विकास सोनी ने कनूनी नोटिस थमा दिया गया ।
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जब इस मामले से रूबरू होने के लिए स्वतंत्र कलम न्यूज द्वारा अधिकारी मनीष नायक से चर्चा हुई तो उन्होंने इन निम्न प्रश्नों का यह उत्तर दिया – :
जब मुख्य आरोपित अधिकारी मनीष नायक से चर्चा हुई तो मनीष नायक ने भी अपनी बातो से पल्ला झाड़ते हुए अपने साहब से बात करने की बात कही गई
जब इस मामले से रूबरू होने के लिए स्वतंत्र कलम न्यूज द्वारा फर्जी नियुक्ति कांड में लिप्त अधिकारी अनिल पारा से चर्चा हुई तो उन्होंने इन निम्न प्रश्नों का यह उत्तर दिया – :
आपके द्वारा उद्यान विभाग में फर्जी नियुक्ति करवाई गई है ?? वह भी रुपए लेकर ??
अनिल पारा – : कुछ नही करवा रहे है सब चीजों पर काम कर रहे है और जो लोग काम पर नहीं आ रहे है वह लोग रिकॉर्डिंग कर रहे है उल्टी सीधी
जो रिकॉर्डिंग हमे प्राप्त हुई है उसमें आपका नाम स्पष्ट रूप से है )?
अनिल पारा – वह तो लेंगे न क्योंकि कर्मचारी काम ही नहीं करते है और कर्मचारी मोहम्मद है वह काम नहीं करता है और मोहम्मद उसके लड़के से काम करवाता है ……..
इस उक्त रिकार्डिंग ने पैसे से लेन देन की बात हु8 है जो आपके विभाग के कर्मचारी और सहयोगी मनीष नायक ने की है ??
अनिल पारा – कोई लेन देन की बात नही है सब झूठी बात है
हमारे पास इस चर्चा के साक्ष्य उपलब्ध है ??
अनिल पारा – ठीक है साक्ष्य है तो , नही कुछ नही है आपको जानकारी नहीं दे सकता हु
आपका नाम रिकॉर्डिंग में है आप आरोपित अधिकारी है ??
आप मुझसे वरिष्ठ अधिकारी से चर्चा कीजिए जब आरोपित अधिकारी से आगे की चर्चा की तो घबराए अफसर अनिल पारा ने दूसरे कर्मचारियो पर पल्ला झाड़ते हुए कॉल काट दिया । जब इस मामले में दोनो पक्षों की चर्चा को देखा जाए तो दोनो ही पक्ष अपने वरिष्ठ अधिकारीयों से बात करने की सलाह देते हुए कहे गए , मानो अब ऐसा प्रतीत होता है की निगम के बड़े बड़े अधिकारी इस फर्जी नियुक्ति कांड में लिप्त हो ।
पूर्व में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत यह जानकारी निगम से मांगी गई थी किंतु निगम के चतुर और घबराए अफसरों ने उक्त सूचना के अधिकार के आवेदन को केंद्र सरकार के एक आदिश का हवाला देते हुए उसे निरस्त कर दिया था जिस पर आपत्ति लेते हुए एडवोकेट विकास सोनी द्वारा पुन: अपील कर निगम आयुक्त को 8 दिन में उक्त मांगी गई समस्त जानकारियां उपलब्ध करवाने हेतु नोटिस जारी किया गया ।
यह है वह खबर जो स्वतंत्र कलम न्यूज़ द्वारा प्रकाशित की गई थी
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*भ्रष्टाचार की खुलती पोल पर अफसरों ने दिखाई चतुराई , मामला निगम के उद्यान विभाग में होने वाली फर्जी नियुक्ति का* –: निगम से मांगी थी कर्मचारीयों से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी, *किंतु घबराए अफसरों ने केंद्र सरकार के द्वारा पारित प्रश्न वाचक आदेश का हवाला देते हुए नही दी जानकारी ।https://swatantrakalam.in/?p=591 खबर को विस्तार से पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें**र
