रतलाम – शासकीय विभाग में नोकरी करने के लिए हर बेरोजगार काफी मेहनत करके दर दर भटकता है , तब कही जाकर नसीब से उसे नौकरी मिल पाती है किंतु मध्य प्रदेश के रतलाम के नगर निगम में निगम प्रशासन के साहब लोगो को मोटी रकम दे कर आप नौकरी पर लग सकते हैं क्योंकि यह नौकरी आपकी योग्यता और मेहनत से नही बल्कि मोटी रकम से बिकती है तो आप के मन में खयाल आएगा की कैसे तो जानिए ऐसे !
विभाग के साहब के आगे पीछे घुमने वाले लल्लू – पप्पु करवाते है उम्मीदवार से मोटी रकम लेकर साहब से डील – : अगर आप शासकीय विभाग में नौकरी के लिए दर दर भटक कर सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है तो आप निगम के साहब लोगो के साथ घूमने वाले लल्लू पप्पु से सम्पर्क कर मोटी रकम का ऑफर आप निगम के साहब तक भेज सकते है जब यह मोटी रकम का ऑफर निगन के साहब के साथ घूमने वाले लल्लू पप्पु के मन में आएगा तो वह भी बीच में पेट भर कर खाने के लिए बैचेन रहेगा और निगम के साहब की टेबल पर मोटी रकम से भरा ऑफर परोस दिया जाएगा बात शुरू होती है अब जब परोसी हुई मोटी रकम का ऑफर निगम के बड़े साहब को भा जायेगा तो वह अपने साथ रहने वाले लल्लू पप्पु को मोटी रकम की डील के लिए हा करेगा , बस इतना कहते ही साहब का लल्लू पप्पु आपसे नियुक्ति के लिए कागज और मोटी रकम की माग करेगा और हो जायेगी आपकी फर्जी नियुक्ति ।
महापौर के पास जो उद्यान विभाग है उसमे ही विभाग के अधिकारीयों की साठ गांठ से फर्जी नियुक्ति का चला खेल – :
अपने कामों और अपनी बयान बाजी से जनता का दिल दहला देने वाले महापौर पटेल है जिनके पास उद्यान विभाग है और उन्ही की आंखो में धुल झोंक कर उनके ही विभाग के अधिकारी बेरोजगारों से मोटी रकम हेठ कर फर्जी नियुक्ति करवाते है उद्यान विभाग के अधिकारी अनिल पारा अपने सहयोगी मनीष नायक की सहायता से डील करवाते है और फर्जी नियुक्ति को अंजाम देते है पारा का सहयोगी उम्मीदवार से नियुक्ति के लिए कागज और मोटी रकम लेता है , मानो ऐसा प्रतीत होता है की इस फर्जी नियुक्ति कांड में जो विभाग महापोर पटेल के पास है उसमे उनके ही अधिकारी धुल झोंक रहे है या अब महापौर की भी इसमें साठ गांठ है ।
अब बात की जाए की इस पूरे घटना क्रम में स्वतंत्र कलम न्यूज़ के पास कुछ कॉल रिकॉर्डिंग और निगम के हाजरी रजिस्टर के फोटो प्राप्त हुए है रिकॉर्डिंग में उद्यान विभाग के अधिकारी अनिल पारा और उनके सहयोगी मनीष का नाम स्पष्ट रूप से कहा जा रहा है की कितने पैसे दिए है कहा देना है और साथ ही महापौर और डिप्टी कमिश्नर और कमिश्नर का भी जिक्र हुआ है सहयोगी मनीष नायक फरवरी माह में भास्कर में प्रकाशित प्रकाश विभाग की फर्जी नियुक्ति की खबर से घबरा गया और कुछ दिन तक मामले को स्थगित रखने की बात कही गई बताया जाता है की सहयोगी मनीष का भी बालक निगम में फर्जी नियुक्ति से लगा हुआ है जिसकी हाजरी घर बेठे लगती है सहयोगी मनीष नायक ने डिप्टी कमिश्नर से भी सेटिंग जमाने की बात भी कही है ।
फर्जी नियुक्ति का खेल अब तक जारी है क्या जिला प्रशासन के जिम्मेदार की आंखे मूंद है ?? कई वर्षों पहले ही बंद हो चुकी है नियुक्तियां फिर कैसे हुई अगर हुई तो एम आई सी की बैठक क्यों नहीं हुई ??
आप लोगो को ज्ञात हो की फरवरी माह में ही दैनिक भास्कर में प्रकाश विभाग मे की गई फर्जी नियुक्ति की खबर प्रसारित की गई थी , जिसमे कई अधिकारीयों पर गाज गिरी थी जिसके बाद से फर्जी नियुक्ति का दौर थम गया था किंतु मामला ठप होने के बाद से अब फिर उठने लगा है प्रकाश विभाग के बाद अब महापौर पटेल का उद्यान विभाग है उसी विभाग में जाल साज अधिकारी अनिल पारा और मनीष नायक द्वारा पूरी सेटिंग जमाकर महापौर पटेल की आंखो में धुल झोंक कर उनके ही हस्ताक्षर करवा लिए और फर्जी नियुक्ति का खेल खेला गया , इस पूरे मामले में एक बात यह सामने आई है की निगम में हो रही नियुक्तियां कई वर्ष पहले ही बंद हो चुकी है ,। किंतु छोटे आधिकारियों की साठ गांठ से यह अब तक यह बड़े साहब की आंखो में धुल झोंक कर निडर जारी है बताया जाता है की अगर किसी कर्मचारी को रखा जाता है तो उसके लिए एमआईसी की बैठक में नियुक्ति का प्रस्ताव रखा जाता है किंतु ऐसा नहीं हुआ है
प्रकाश विभाग में भी हुई थी फर्जी नियुक्ति किंतु सही से नही कार्यवाही अब महापौर के उद्यान विभाग में धांधली की तैयारी
जब प्रकाश विभाग में फर्जी नियुक्ति मस्टर में हेर फेर का मामला उजागर हुआ तो फर्जी नियुक्ति की कार्यवाही सही से नही होना पाई गई है और फिर फर्जी नियुक्ति जोरो शोरो पर जारी है अगर निगम सहित जिला अधिकारीयों द्वारा सख़्त कार्यवाही होती तो फर्जी नियुक्ति बंद हो जाती किंतु ऐसा अब तक नही हुआ मानो ऐसा प्रतीत होता है की निगम से लेकर जिले के बड़े बड़े साहब तक की इस पूरे मामले में साठ गांठ हो
जानिए महापौर के उद्यान विभाग के अधिकारी अनिल पारा और उसके सहयोगी मनीष नायक और अन्य फरियादी के बीच हुई चर्चा
सर क्या हुआ आकाश ( बदला हुआ नाम) के भविष्य का सवाल है ??
मनीष नायक – हा भाई जो इनको रखते है ना तो लोगो की ज्यादा मुखबिरी के कारण आयुक्त साहब ने अभी साइन नही करी है , रात को डीसी सर से चर्चा हुई थी हमारी – डीसी सर यानी की निगम के डिप्टी कमिश्नर जो विकास सोलंकी है) यह अपने तीन बच्चे है जिनको अभी अग्जेस्ट कर देंगे साहब ने बोला है अभी इनको 10 से 15 दिन के लिए रोका है ठीक है और तेरे मन में कुछ हो और पेमेंट का भी हो तो वह तत्काल वह भी दे दूंगा साहब ने बोला है ………ओर इनका तो में करवा दूंगा हो गई है साहब से मेरी बात अभी में इसको मना कर रहा हु है जो भी इनका 15 –20 दिनो का भुगतान है वह दिल वा दूंगा साहब से में
उम्मीदवार – अरे दिलवाने की बात नही है यार जो बात हुई थी अपनी उस पर अमल करना चाहिए न
मनीष नायक – अरे वह महा पोर जी ने फाइल पर साइन कर दिए थे
फरियादी – फिर उसमे आपका भी बच्चा आएगा
क्या हुआ अनिल पारा से बात करे न क्या हा पापा ने लगाया था फोन क्या बोल रहे थे वह अनिल पारा यह तो कह रहे थे की 10 से 12 दिन रुक जाओ सब हो जायेगा – , तुमने कितने दिए पैसे काम पर लगने के लिए फिफ्टी दिए पूरे 50 दिए है मेने भी 50 ही दिए है यार , अरे हो जायेगा यार अपना काम क्यों टेंशन लेता है यार , किसको अनिल पारे को दिए है क्या तुने पैसे नही मनीष भैया को दिए थे नही मैने तो अनिल पारे को दिए थे यार पर अपना काम तो मनीष भैया ही करेगा , पारा तो अधिकरी है फाइल पारा ने लगाई थी पर साइन नही करी ,
क्यो मनीष भैया का लड़का कर रहा है क्या काम , क्या कर रहा है क्या मुझे नही मालूम ऐसा पता लगा है की घर पर ही और हाजरी लग रही है ऐसे तो कई की हाजरी लग रही है सबके जापते हो जायेंगे , पेपर में भी तो छपी है ना खबर पकड़ा गए न फर्जी छोरे पकड़ा गए हा – जल प्रदाय और इन सबमें जपते हो जायेंगे बिना स्वीकृति के रख लिए थे अब वह कैसे भी करके अपना काम करेंगे इसलिये तुमको भी बैठा लिया घर की अभी हा हु हो गई है तो रुको थोड़ा समय।
यह पूरी खबर स्वतंत्र कलम को प्राप्त साक्ष्य के आधार पर प्रकाशित की गई है की किस तरह उद्यान विभाग के अधिकारी अनिल पारा और उसके सहयोगी मनीष नायक के बीच फर्जी नियुक्ति की चर्चा हुई और अन्य व्यक्तियीं के बीच हुई उक्त मामले की चर्चा का ऑडियो समेत निगम के हाजरी रजिस्टर का फोटो सुरक्षित है
कैसे खुला विभाग के द्वारा की जा रही फर्जी नियुक्ती का राज – : जब स्वतंत्र कलम के संज्ञान में यह मामला आया की नगर निगम के उद्यान विभाग में फर्जी तरीके से खुल्ले आम निगम के बड़े साहब लोगो की आंखो में धुल झोंक कर नियुक्ति की जा रही है तो तत्काल मामले को संज्ञान में लाने के लिए कलेक्टर सूर्यवंशी से रूबरू होकर मामले से अवगत करवाया गया और मामले में जांच के लिए एसडीएम रतलाम को निर्देशित किया गया एसडीएम को स्वतंत्र कलम न्यूज द्वारा समस्त साक्ष्य को भी प्रेषित किया गया किंतु वह भी इस मामले में चुप्पी साधे बेठे हैं……
