*जावरा भेरूलाल मालवीय* ///// *जावरा – :
*नर्सिंग स्टूडेंट्स की परीक्षा 3 साल से नहीं हुई है। इससे वे नाराज हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि उनका भविष्य खराब हो रहा है। परीक्षा नहीं होने से वे आगे की पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं। इस संबंध में उनके द्वारा शासन-प्रशासन को कई बार ज्ञापन दिए गए, मगर अब तक उनकी सुनवाई नहीं हुई। परीक्षाएं संचालित किए जाने सहित 7 सूत्रीय मांगों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने नर्सिंग छात्रों के साथ मंगलवार को घंटाघर चौराहे पर धरना-प्रदर्शन किया।
तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर समझाने की कोशिश लेकिन वे नहीं माने और देर रात तक धरना जारी रहा। दोपहर से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पदाधिकारियों के साथ नर्सिंग स्टूडेंट्स धरने पर बैठे। जहां नारेबाजी की मांगों की जल्द से जल्द पूर्ति किए जाने की बात कही। धरना दिनभर चलता रहा। शाम को एसडीएम तहसीलदार वैभव जैन कार्यकताओं से चर्चा कर धरना खत्म करवाने पहुंचे लेकिन पदाधिकारी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी द्वारा आश्वस्त किए जाने की मांग करते हुए धरने पर डटे रहे। घंटाघर चौराहे पर धरना-प्रदर्शन के दौरान आवागमन बाधित हुआ। अभाविप के जितेंद्र यादव ने बताया नर्सिंग स्टूडेंट्स का भविष्य खराब हो रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों को उनको मांग शासन तक प्रमुखता से पहुंचाना चाहिए ताकि उनका निराकरण हो। रात 12 बजे तक कार्यकर्ता घंटाघर चौराहे पर बैठे रहे।ये हैं मांगें साल 2020-21 से रुकी परीक्षाएं संचालित की जाएं।
जीएनएम के विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम शीघ्र घोषित करें छात्रवृत्ति प्रदान करें। प्रवेश व परीक्षा में हुए घोटाले के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो। भर्ती में अभ्यर्थियों की आयु सीमा में वृद्धि की जाए। कोरोनाकाल में जिन विद्यार्थियों को चिकित्सालयों में सेवा हेतु शासन ने नियुक्त किया, उन्हें उनका वेतन शीघ्र दिया जाए। जिन नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई वहां के विद्यार्थियों को स्थानांतरित करें।
