मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पत्रकारों के हितों की बात सिर्फ़ शासन स्तर पर की जाती हैं, और प्रशासन स्तर पर उन्हें किसी मामले को उजागर करने पर अपराधी घोषित कर दिया जाता हैं, प्रदेश रतलाम जिले के जावरा में एसडीएम हिमांशू प्रजापति के खिलाफ़ अदम्य अख़बार में रेत खनन को लेकर संवाददाता राजू मेवाड़ा द्वारा ख़बर प्रकाशित की जा रही थी, जिसके संबंध में ख़बर पर जांच किए बिना उक्त मामले को तूल देते हुए एसडीएम द्वारा रेत खनन मामले में जांच न कर, नगर पालिका परिषद में वर्टिकल टर्बाइन पम्प खरीदी मामले में पूर्व पार्षद घनश्याम सोलंकी द्वारा घोटाले में पाए जाने पर राजनैतिक क्षेत्रिय नेता के संलिप्त होने की दिशा में उनके द्वारा सामाजिक रूप से दबाव बनाकर उक्त अदम्य पत्रकार के घर जाकर वाद विवाद करने पर पत्रकार द्वारा पुलिस को सूचना देने एंव सिटी थाने में शिकायत के बाद विवाद करने वाले लोगों के द्वारा सीटी थाना जाकर धारा 294 और 506 में प्रक्रमण बनाया गया , जबकि धारा 113 में कायमी कर बुधवार को एसडीएम कार्यालय पर बुलाया गया और जब पत्रकार वहा पहुंचे तो वे वहा से बिना बात किए ही निकल गए,मीडिया सूत्रों के मुताबिक पत्रकार राजू मेवाड़ा माली द्वारा बताया गया कि एसडीएम द्वारा बुधवार को बात नहीं की गई वही गुरुवार को सुबह पुलिस भेज कर थाने पर बिठा लिया और जब आंचलिक पत्रकार संघ द्वारा मामले के संबंध में सीटी थाना प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि समाज के पक्षों में विवाद है कही मामला और अधिक न हो जाए इसीलिए धारा 151 में सामाजिक रूप से अशांति फैलाने के लिए कार्यवाही की जा रही है, जिसे संज्ञान में लेकर दोनों पक्षों को समझाइस दी जाएगी ऐसा कह कर मामले को एक पक्षीय कर राजू मेवाड़ा पत्रकार को भ्रमित कर षडयंत्र रच जेल भेज दिया गया। और जब वकील द्वारा मामले में जमानत पर छोड़ने का कहा गया तो एसडीएम द्वारा 22 तारीख तक कोई कार्रवाई नहीं होने की बात कह उक्त विषय पर बात करने से ना कह दिया गया। जिसे नियम विरुद्ध कार्यवाही करने और मानव अधिकार की अवहेलना और पत्रकार के शोषण करने की नीति को ध्यान में रखते हुए मेवाड़ा माली समाज द्वारा कलेक्टर कार्यालय जाकर ज्ञापन प्रेषित किया गया।
पत्रकार राजू मेवाड़ा को नही मिली जमानत –
प्राप्त जानकारी अनुसार बताया जाता है की पत्रकार राजू मेवाड़ा द्वारा जब जमानत याचिका दायर की तो एसडीएम हिमांशु प्रजापति द्वारा उन्हें जमानत नही दी गई और कहा गया की 7 दिन बाद जमानत मिलेगी …..
क्या कहता है धारा धारा 151 का कानून –
: यह धारा जमानती है और यह गंभीर नहीं है , पत्रकार द्वारा ख़बर प्रकाशित करना उनका कर्तव्य है और यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय का भी आदेश है की किसी भी पत्रकार को खबर लिखने से नही रोका जा सकता है पत्रकार को जमानत ना देना माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना है पत्रकार को धारा 151 में जमानत ना देना उनके अधिकारों का हनन भी है अगर पत्रकार आपराधिक गतिविधियों में लिप्त नहीं है तो उसे पहले नोटिस देना भी अनिवार्य है जमानत देना उचित है,
हाई कोर्ट एडवोकेट विकास सोनी
क्या कहना है थाना पुलिस का – :
किसी के खिलाफ पत्रकार कुछ भी लिखे जा रहे है और पत्रकार की भाषा अमानवीय है तथा समाजजन से विवाद करने पर शांति भंग में धारा 151, 294 , 506 में प्रकरण दर्ज किया और जेल भेज दिया गया है ,... वी डी जोशी थाना प्रभारी सिटी थाना जावरा
जब इस संबध में जावरा एसडीएन से जानकारी लेना चाही तो एसडीएम प्रजापति द्वारा कॉल नही उठाया गया ….
पंजीयन जानकारी : –
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वर्ष 2020 से लगातार पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत, शुरू से ही प्रिंट मीडिया में कार्य का अनुभव और वर्तमान में अब प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में कार्यरत ,तथा स्वयं का न्यूज पोर्टल भी संचालित है । 2020 में सर्वप्रथम पत्रकारिता की शुरूवात साप्ताहिक समाचार पत्र परखा दर्पण से शुरू की जिसमे कैमरामैन की भुमिका निभाई , उसके बाद सांध्य दैनिक सिंघम टाइम्स में पेपर वितरण की भूमिका निभाई फिर सिंघम रिपोर्टर की भूमिका की निभाई साथ ही जेटीवी भारत और साप्ताहिक समाचार पत्र इन्दौर फर्स्ट में जिला रिपोर्टर की भूमिका भी निभाई गई , वर्तमान में सांध्य दैनिक समाचार पत्र संघर्ष से सिद्धि , में जिला रिपोर्टर की भूमिका ओर स्वयं का न्यूज़ पोर्टल स्वतंत्र कलम का संचालन ।