रतलाम – रतलाम का नगर निगन कार्यालय एक तरफ़ जनता को लुभाने और उन्हे बताने के लिए विकास कार्यों के दावे और वादे तो भले ही जोरो शोरो पर करता है किंतु दूसरी तरफ निगम के विभागों में बेठे अधिकारी और कर्मचारी खुले आम भ्रष्टाचार को नन्हे बच्चो का खेल समझ खेल रहे है … निगम के बड़े बड़े अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को मीडिया के माध्यम से ज्ञात होने के बाद भी भ्रष्ट अफसरों पर जांच न करवाना और भ्रष्ट अफसरों पर कार्यवाही के लिए कदम ना उठाना भी इनकी कार्य प्रणाली भ्रष्ट अफसरों के साथ साठ गांठ के साथ जुड़ी हुई लगती हैं ..लगता है की निगम के बड़े बड़े अफसरों को भी हफ्ता वसूली की जगह महीना वसूली निगम के छोटे छोटे आधिकारियों से लगता है तभी तो अब तक कार्यवाही न होना अब निगम के बड़े बड़े अधिकारी पर जांच के घेरे में आना लगता है
बात की जाए तो एक ताजा ही मामला निगम के उद्यान विभाग से जुड़ा है और हैरानी की बात भी यह है की यह विभाग रतलाम के विकास को लेकर सक्रिय जनप्रतिनिधि महापौर प्रह्लाद पटेल के पास है जिनके ही विभाग में भ्रष्ट अफसरों द्वारा खुले आम भ्रष्टाचार करके निगम के जन प्रतिनिधि को भी उल्टा अंगूठा दिखा दिया है …..बात की जाए तो महापोर के उद्यान विभाग में कार्यरत भ्रष्ट अफसर अनिल पारा सहित अन्य सहयोगी अफसरों ने जमकर भ्रष्टाचार किया हैं जब मामला संज्ञान में आया तब ही स्वतंत्र कलम न्यूज़ ओर हाई कोर्ट एडवोकेट विकास सोनी द्वारा निगम में आरटीआई आवेदन लगाकर निगम में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए संबंधित जानकारिया उपलब्ध करवाने हेतु मांग की गई किंतु निगम के अफसरों द्वारा भी निगम के भ्रष्टाचार की खुलती पोल को देखते हुए उक्त लगाए गए आवेदन को केंद्र सरकार के प्रश्न वाचक आदेश का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया गया … बाद में पुन: निरस्त किए गए आवेदन पर अपील कर निगम आयुक्त को आठ दिन का नोटिस थमा कर समस्त जानकरिया उपलब्ध करवाने हेतु मांग की गई , किंतु समय निकलने के बाद भी निगम आयुक्त से चाही गई जानकारी उपलब्ध न करवाना भी कही न कही जांच के घेरे में लिप्त है …
कोन है भ्रष्ट अफसर अनिल पारा ??
अनिल पारा निगम के उद्यान विभाग में कार्यरत है जो की विभाग में ही कार्यरत कर्मचारीयों को प्रताड़ित भी करता है और सूत्रो के हवाले से पता चला है की अनिल पारा कर्मचारियो से हार माह महीना वसूली भी करता था और कर्मचारियी से काम न करवाने की बात पर मोटी रकम भी लेता था ऐसे अन्य कर्मचारियो ने स्वतंत्र कलम न्यूज़ को आकर अपनी आप बीती सुनाई है
एक नियुक्ति के लगते थे 50 हजार रुपए , भ्रष्ट अफसर अनिल पारा और सहयोगी मिलकर करवाते थे निगम में ही फर्जी नियुक्ति??
प्राप्त जानकारी अनुसार स्वतंत्र कलम न्यूज़ को प्राप्त दस्तावेज में भ्रष्ट अफसर अनिल पारा का जिक्र करते हुए बताया गया है अनिल पारा और उसके सहयोगी द्वारा हमारी निगम में नियुक्ति करवाने के लिए 50,000 रुपए ले लिए है और अब तक नियुक्ति नही करवाई है , ठीक इसी प्रकार अन्य प्राप्त दस्तावेज में भी अनिल पारा और सहयोगी द्वारा नियुक्ति करवाने के नाम पर 50 , 000 रुपए लिए है …जब अनिल पारा से मीडिया ने मामले में चर्चा की तो अनिल पारा ने मीडिया को वरिष्ठ अफसरों से बात करने के बात कही …जबकि निगम के वरिष्ठ अफसर भी इस मामले में बोलने को तैयार नहीं है ..
अनिल पारा लेता था हमसे 5000 रुपए महीना : –
जब मामले में अनिल पारा से चर्चा हुई तो अनिल पारा का कहना है की निगम के अन्य कर्मचारी मुझे फसाने का प्रयास कर रहे है जब इस बात की पुष्टि के लिए अनिल पारा द्वारा कबूले गए नामो के कर्मचारियो से चर्चा हुई तो उन्होंने भी भ्रष्ट अफसर अनिल पारा की कार्य प्रणाली उजागर कर दी …ओर कहा की अनिल पारा हमसे भी 5000 रुपए महीना लेता था
जबकि इस मामले में निगम के बड़े बड़े अधिकारी भी बोलने को तैयार नहीं है … वह भी खुलती इस पोल पर घबरा रहे है
