रतलाम – : सोचा था की रतलाम में अब विकास करके एक नई उडान भरेंगे और रतलाम का नाम प्रदेश सहित देश की टॉपर सूची में सबसे ऊपर लाकर आसमान छू लेंगे किंतु यह सपने देखने वाले नगर के माननीय नेता इन विकास कार्यों का निरीक्षण करेंगे तो वह भी अचंभित रह जायेंगे क्युकी माननीय नेता तो विकास कार्यों को करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं ये तो विकास को साथ में लेकर दौड़ रहे हैं किंतु जो पूर्व में किए विकास कार्यों की जमीनी हालत जानेंगे तो वह इस हालत पर भी आंसू बहा देंगे. क्युकी माननीय नेता के प्रयास से जो कार्य हुआ है वह बहुत ही सराहनीय है जिस वजह से हमारा रतलाम ऊंचाई तो छू रहा है परंतु पूर्व में किए गए विकास कार्यों की देख रेख करने वाले जिम्मेदार क्षेत्र के मालदार सेठों के दबदबे से जो दबे हुए है ….
आपको ज्ञात होगा की हमारे रतलाम का चांदनी चौक आस पास के नगर ओर जिलों में नही अपितु आस पास के प्रदेश से लेकर देश तक काफी चर्चा में लोकप्रिय है किंतु वही बात और वही चर्चा क्या करे हमारे माननीय नेता तो रतलाम को नई उडान तो दे रहे है किंतु पीछे के विकास कार्यों पर फिर दबे हुए है क्युकी जिस क्षेत्र में विकास का जाना होता है वहा की राजनीतिक गतिविधि ही इतनी भारी भरकम होती है की अपने नाम से मशहूर क्षेत्र को अपनी बड़ती तरक्की पर रोना आ जाए .
रतलाम का नाम यहां के मशहूर चांदनी चौक के सोना चांदी और अन्य आभूषण को लेकर प्रसिद्ध है किंतु वर्षों से क्षेत्र में सक्रिय मालदारों की राजनीतिक गतिविधि और माहौल से अब हर कोई त्रस्त है क्युकी.कई सालो से यह के हालात बद से बत्तर हो चुके थे गोरतलब है की पूर्व से ही रतलाम के चांदनी चौक की अपनी एक लोकप्रियता है जो हर जगह प्रसिद्ध है जिसकी बद से बत्तर हालत को देखकर यहां के माननीय नेता द्वारा चांदनी चौक से लेकर घास बाज़ार तक दो लाइन वाली सड़क बनाने के लिए सोचा और उनके प्रयास से यह सफल भी हो गया किंतु क्या करे वही हाल अब तक जो बेहाल है
करोड़ो की लागत से पुरानी समस्या का निराकरण अब तक नही –
बात की जाए नगर में करोड़ो की लागत से होने वाले विकास कार्यों का उल्लेख हुआ है और जो हो चुका है उसका भी उल्लेख आपको सामाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त हुआ होगा जिसको आपने देखा और सुना होगा किंतु वह करोड़ों कहा लगे हैं कैसे लगे हैं यह रतलाम की जनता को अब तक बताने वाला कोई नहीं है , आपको ज्ञात होगा की पूर्व की भाती वर्तमान में अब विकास कार्य धडल्ले से किया जा रहा है वो भी करोड़ो की लागत से किंतु जो यातायात के दबदबे की समस्या पूर्व की भाती थी वह वर्तमान में भी देखने को मिल रही है जिन सड़को को चौड़ा करके दो लाइन में तब्दील किया गया है उसकी तो मालदारों ने अपनी गाड़ियां खड़ी करने वाली पार्किंग लाइन बना कर रख दिया है …
कुछ दिन पूर्व ही एक नन्हें छात्र ने जिले के सबसे बड़े कार्यलय की एसी ने बैठने वाले सबसे बड़े साहब को यातयात को लेकर शिकायत की थी किंतु उनकी शिकायत पर बड़े साहब ने निर्देश दिए थे किंतु उनके निर्देश का भी कुछ फर्क नहीं पड़ा है …. क्षेत्र में आड़ी तिरछी गाड़ियां खड़ी करके कर रखा है मालदारों ने अपना कब्जा किंतु न ही कोई देखने वाला ना ही किसी को भरी गर्मी में निकलने से फुरसत है जिससे आवगमन करने वाले राहगीरों सहित अन्य इमरजेंसी वाहनो को निकलने में भी कई दफा सोचना पड़ेगा क्योंकि क्षेत्र में यातायात का इतना भारी दबदबा जो है। ..




