

किंतु वर्षों से शासन प्रशासन की उदासीनता की मार मां का यह दरबार झेल रहा है बात की यह के हालात की तो यह सौन्दर्य करण और सुरक्षा के लिहाज से काफी अपूर्ण है क्योंकि यह की सुरक्षा की बात जाए तो बहुत ही निंदनीय है जंगली जानवर से लेकर आसामाजिक तत्वों का डेरा यह लगा रहता है मां के मंदिर में शराब पीकर आना और अशांति का माहौल उत्पन्न करना ऐसे असामाजिक तत्वों को यह रास आ गया है बात की जाए वह स्थित पुलिस सहायता केंद्र की तो वह भी ठंडे बस्ते में दब गया है इतना सिद्ध स्थल आकर्षित और ध्यान केंद्र प्रशासन शासन और क्षेत्र के जिम्मेदारों की आंखों के सामने है किंतु अब तक मां के इस दरबार के लिए किसी की भी प्रतिकिया देखने को नहीं मिली है अगर क्षेत्र के जिम्मेदारों और शासन – प्रशासन द्वारा मां के इस मन्दिर के सौन्दर्य करण और सुरक्षा का जिम्मा लेकर प्रयास करे तो यह मंदिर जब अपने विकास कार्यों से परिपूर्ण हो तो रतलाम और आस पास के क्षेत्र में चार चांद लगा देगा , क्योंकि बताया जाता है की मंदिर से जुड़ी हजारों लाखों भक्तो की जुड़ी हुई आस्था और मान्यता है यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है और यह आदिवासी समाज से घिरा हुआ है जहा क्षेत्र के कई आदिवासी मां की सेवा में दिन रात तत्पर रहते है ।
हर वर्ष लाखो का लोगो का रहता है आवागमन किंतु सुरक्षा के लिहाज से अब तक कोई प्रस्ताव नही – : जैसा की ज्ञात हो की प्रति वर्ष मां के दरबार में दर्शन हेतु लाखो भक्तो का आवागमन रहता है। , हर वर्ष रतलाम नगर से पैदल चुनरी का आयोजन किया जाता है जो की रतलाम के लिए गोरव की बात है भारी संख्या में भक्तो का आना जाना इस मंदिर में रहता है यह जंगली जानवरों और आसामाजिक तत्वों का भय हमेशा बना रहता है बात की जाए मां के दरबार के सामने पुलिस सहायता केंद्र भी जो की ठंडे बस्ते में चल रहा है आए दिन मंदिर परिसर में शराबियो द्वारा शराब पीना और अशांति का माहौल उत्पन्न करना इनको भा गया है किंतु। ऐसे लोगो से घिरी हुई पुलिस भी आखिर क्या करे ??
सौंदर्य करण के लिए अब तक न कोई प्रस्ताव ना ही ज़िम्मेदारॉ की कोई प्रतिक्रिया या तो जिम्मेदारो की दिलकस्पी नही ?? – : बात की जाए मंदिर और आस पास के क्षेत्र के सौंदर्य करण की तो यह की हालात बहुत ही निंदनीय है जो की काफी हद तक जंगल और घनी पहाड़ियों से घिरा हुआ है बाहर से आई हुई महिलाओं तक को प्रसाधन के लिए कई बार सोच विचार करना होता है शासन प्रशासन द्वारा जिले के कई मन्दिर परिसर को चाक चौबंद कर नया जीवन प्रदान किया है किंतु रतलाम जिले में स्थित इस मंदिर के लिए मानो ऐसा प्रतीत होता है की अब तक प्रशासन शासन की कोई दिलचस्पी नहीं है ?? बताया जाता है की मां के दरबार से शासन को लाखो रुपए की राजस्व की प्राप्ति होती है किंतु फिर भी शासन मां के दरबार को नया रूप देने के लिए लेट लतीफी की कगार पर है …
जिला कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा भी दिया गया सैलाना एसडीएम को। आवेदन – प्राप्त जानकारी अनुसार जिला कोर्ट के अधिवक्ता श्री विकास सोनी द्वारा मंदिर के विकास कार्यों सुरक्षा को देखते हुए भी सैलाना एसडीएम को मंदिर की विभिन्न जानकारी से अवगत करवाया है सोनी ने मंदिर के विकास कार्यों और सुरक्षा संबंधित जानकारियां से एसडीएम को आवेदन के माध्यम से अवगत करवाया है इस मामले में जब आवेदन कर्ता अधिवक्ता श्री सोनी से चर्चा हुई तो उन्होने बताया की मंदिर के सौंदर्य करण और सुरक्षा के लिए मेने एसडीएम को आवेदन प्रेषित किया है मंदिर के विकास कार्य के लिए मेरे द्वारा हर संभव पूर्ण प्रयास जारी रहेंगे।
मेरे पिता के समय से ही कई बार माता के दरबार के सौंदर्य करण के लिए प्रस्ताव रख चुके है यह दरबार आदिवासीयों का प्रमुख स्थल है इसलिए यह भाजपा सरकार हमारी ओर आदिवासियों की सुन नही रही है भाजपा सरकार हमारी सुन रही है
हर्ष विजय गहलोत
विधायक सैलाना विधान सभा
