Spread the love

भरत शर्मा की रिपोर्ट

रतलाम, 13 अक्टूबर देश में उच्च शिक्षा और रोजगार के परिदृश्य में एम.फार्मा (मास्टर ऑफ फार्मेसी) की डिग्री एक मील का पत्थर साबित हो रही है। हाल ही में किए गए अध्ययन और उद्योग जगत के रुझानों के अनुसार, एम.फार्मा डिग्री धारकों के लिए रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध हैं। लगभग सभी विद्यार्थी अपनी पढ़ाई पूरी करते ही नौकरी प्राप्त कर लेते हैं।

रॉयल कॉलेज, रतलाम के फार्मेसी संकाय के प्राचार्य डॉ. मनीष सोनी के अनुसार, एम.फार्मा की डिग्री न केवल एक सुरक्षित और सफल करियर की गारंटी देती है, बल्कि यह देश की स्वास्थ्य सेवा और अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है।

यह डिग्री विद्यार्थियों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान ही नहीं देती, बल्कि अनुसंधान आधारित व्यावहारिक कौशल भी प्रदान करती है, जिससे वे कार्यक्षेत्र के लिए पूरी तरह तैयार होते हैं। एम.फार्मा पाठ्यक्रम को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि यह उद्योग की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप है।

एम.फार्मा की डिग्री छात्रों को इस उद्योग की विभिन्न शाखाओं, जैसे कि अनुसंधान और विकास (R & D), गुणवत्ता नियंत्रण, उत्पादन, और क्लीनिकल रिसर्च, उत्पादन (Production), गुणवत्ता नियंत्रण और आश्वासन (Quality Control & Quality Assurance), क्लीनिकल रिसर्च (Clinical Research), अस्पताल फार्मेसी (Hospital Pharmacy) में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर देती है। इसके अतिरिक्त, अकादमिक क्षेत्र और सरकारी विभाग (जैसे ड्रग इंस्पेक्टर, वैज्ञानिक पद) में भी उनके लिए महत्वपूर्ण पद उपलब्ध होते हैं।

रॉयल कॉलेज, रतलाम में वर्तमान सत्र के लिए एम.फार्मा पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। इच्छुक विद्यार्थियों की सहायता हेतु एक हेल्प डेस्क स्थापित की गई है, जहाँ उन्हें प्रवेश प्रक्रिया, करियर मार्गदर्शन, काउंसलिंग विकल्प एवं प्लेसमेंट संबंधित समस्त जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed