रिपोर्ट – तुषार शर्मा / जगदीश गेहलोत
नागदा /खाचरोद – : भारत देश की भूमि बेहद ही चमत्कारी और आस्था के सैलाब से परिपूर्ण है भारत की इस भूमि पर आपको चमत्कारी और आस्था से परिपूर्ण स्थान आपको देखने को मिलेगा जहा जाने से ही आपके दुखो का अंत होने लगता है , देश ने प्रसिद्ध स्थल बागेश्वर धाम की तर्ज पर कई चमत्कारी स्थान स्थापित होने लगे है , जहा भक्तो की आस्था और विश्वास का मेला उमड़ने लगता है , आज हम एक ऐसे ही एक स्थान के बारे में जानकारी देने जा रहे है जहा भक्त अपनी समस्या और बाधा तो लेकर आते है किंतु साथ ही उसका सटीक निराकरण भी लेकर जाते है और काम होने पर सवा किलो मिठाई भेट करते है , यह स्थान भील वाला वाला कुआ के नाम से जाना जाता है
, भील वाला कुआ सिर्फ नाम ही नही बल्कि एक सच्चाई है जी हा यह एक कहानी या नाम नही बल्कि हकीकत है यह एक नाम ही नही बल्कि एक काम का स्थान माना जाता है जहा अपनी पीड़ा सुनाने के लिए सुबह से लाइन में बैठना होता है और तब कही जाकर आपका नंबर लगता है और आपको आपकी पीड़ा सुनाने का अवसर प्रदान होता है और साथ ही निराकरण भी प्राप्त होता है , यह स्थान आस्था और विश्वास का वह स्थान है जहा जन सैलाब उमड पडता है
कुएं पर क्षेत्रीय विधानसभा नागदा खाचरोद या आसपास के क्षेत्र से ही नहीं बल्कि रतलाम मंदसौर जावरा सहित अन्य दूर दराज के दुखी लोग अपने दुखो की पीड़ा सुनाने बेहलोल गांव में सुनाने आते है जहा दुखो का निवारण किया जाता है
उस तरह से लगता है भक्तो की आस्था का जन सैलाब


जानिए आखिर कहा है बेहलोल गांव ??–
: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले की नागदा खाचरोद विधानसभा में बेहलोल गांव स्थित है , जो की खाचरोद से महज 8 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है , मुख्य मार्ग से लगा हुआ सगस महाराज जी का एक मंदिर स्थापित है जो की वर्षो पुराना है यह मंदिर भील समाज के द्वारा स्थापित किया गया था , मंदिर के समीप एक कुआ है जो की वर्षो पुराना है जिसे अब भील वाला कुआ के नाम से भी जाना जाता है
जानिए आखिर क्या मान्यता है यहां के धार्मिक स्थान की , आखिर किस वजह से जगह का नाम भील वाला कुआ क्यों है ??
जब हमने मंदिर के चमत्कार को लेकर जब मौजूदा स्थिति को जाना तो सबसे रोचक जानकारी निकलकर सामने आई है की यहां आने वाले भक्तो द्वारा सुनाई गई दुख की पीड़ा का निवारण सच में होता है वहा मौजूद लोगो ने इस बात की भी पुष्टि की है मौजूदा लोगो का कहना है की हम कई वर्षो से और माह से यहां हाजरी लगाने के लिए आ रहे है प्राप्त जानकारी अनुसार बताया जाता है की यहां एक वर्षो पुराना कुआ है जो की बड़ा प्राचीन माना जाता है कुएं के पास सगस महाराज जी का एक मंदिर स्थापित है जो की वर्षो पुराना है पूर्व से ही बेहलोल गांव में भील समाज का निवास रहा है और भील समाज ने ही , इस कुएं और मंदिर की स्थापना की थी , तब ही से वहा आने वाले लोगो की बाधाये सगस महाराज सुनते है और निराकरण भी करते है
सगस महाराज बताते है मदनलाल जी को आने वाले भक्तों की जानकारी और उनकी बाधाएं सुन देते है निराकरण
राजनेता आकर पूछते है , बाऊजी मेरी टिकिट होगी या नहीं??
जब ग्राउंड लेवल पर जाकर देखा तो वहा राजनीतिक दल के कई नेता भी मोजूद थे जो की आगामी चुनाव लडना चाहते है और अपनी टिकिट और अपने राजनीतिक करियर को लेकर पूर्ण आश्वस्त होना चाहते है , बताया जाता है की विधानसभा चुनाव से पूर्व यह कई नेता ने अपनी टिकिट को लेकर चर्चा भी की है
आख़िर भक्त कोन कोन सी पीड़ाएं लेकर आते है सगस महाराज के दरबार में ?
?स्वतंत्र कलम न्यूज की चर्चा जब पुजारी मदनलाल चौधरी से हुई तो उन्होंने बताया कि यहां दूर दराज से भक्त अपनी पीड़ाएं सुनाने के लिए आते है , भक्त बीमारी, आर्थिक स्थिति, शादी, घर की अंदरूनी समस्या , पितृ दोष या अन्य कई प्रकार की पीड़ाएं सुनाने के लिए यहां आते है और साथ ही निराकरण भी ले जाते है प्रत्येक रविवार और गुरुवार को यह भक्त अपनी पीड़ाएं सुनाने आते है
नोट – : यह खबर भील वाले कुएं पर हिंदू धर्म की आस्था पर बढ़ते विस्वास को लेकर प्रकाशित की गई है , ग्राउंड लेवल पर जांच में कई लोगो ने अपने हुए कार्य की पुष्टि की है खबर का उद्देश्य किसी की भावना को आहत करना और ठेस पहुंचाना नही है …..