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स्वतंत्र कलम रतलाम । गुजरात के राजकोट में स्थित श्री रणछोड़दास जी बापू चेरीटेबल हॉस्पिटल द्वारा मोतियाबिंद के 30 हजार ऑपरेशन निःशुल्क किए जाएंगे। ऑपरेशन आधुनिक फेको मशीन से होंगे और सॉफ्ट फोल्डेबल लेंस भी निःशुल्क लगाया जाए जाएंगे। ऑपरेशन के दौरान भोजन, चाय, नाश्ता, दवाई, चश्मा सहित सभी खर्च ट्रस्ट ही वहन करेगा।

यह जानकारी श्री रणछोड़दास जी बापू चेरीटेबल हॉस्पिटल के मैनेजिंग ट्रस्टी प्रवीण भाई वसाणी ने शुक्रवार को रतलाम प्रेस क्लब भवन पर आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। पत्रकार वार्ता में रतलाम के मणींद्र तिवारी भी मौजूद थे। ट्रस्टी वसाणी के अनुसार मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए पिटगारा-बदनावर (जिला धार) में रेस्ट हाउस के सामने जेटीपी सरदार पटेल हॉस्पिटल में शिविर आयोजित किया जा रहा है। यह शिविर 19 मार्च, 2024 तक चलेगा। रोज सुबह 9 से शाम 5 बजे तक 50 से अधिक सेवादारों की टीम के साथ 12 से अधिक डॉक्टर ऑपरेशन करेंगे। एक दिन में अधिकतम 360 तक ऑपरेशन हो सकेंगे। शिविर अवधि में 30 हजार ऑपरेशन का लक्ष्य है। अगर मरीज बढ़ते हैं तो यह संख्या ज्यादा भी हो सकती है। शिविर में पूरे मध्यप्रदेश के मरीज लाभ ले सकते हैं।

यह भी देगा ट्रस्ट

वसाणी ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान प्रत्येक मरीज को चार समय का भोजन, नाश्ता, शुद्ध देशी घी का हलवा दिया जाएगा। ऑपरेशन के बाद 24 घंटे मरीज को ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा। बाद में मरीज को एक-एक कंबल, एक साड़ी, दो किलो चावल, एक किलो गेहूं का आटा, आधा किलो मीठी बूंदी तथा किराये के लिए 100 रुपए नकद भी प्रदान किए जाएंगे। शिविर के लिए पंजीयन शुरू हो गए हैं। वसाणी के अनुसार फेको मशीन से सिर्फ ऑपरेशन करने में ही कम से कम 20 हजार रुपए तक का खर्च आता है।

मोतियाबिंद से टकराकर गिरते देखा तो बना ले लिया अनूठा संकल्प

ट्रस्टी वसाणी ने बताया कि परम् पूज्य श्री रणछोड़दास जी बापू 1946 में कहीं जा रहे थे। तभी उन्होंने एक व्यक्ति को टकराकर चोटिल होते देखा। उन्होंने संबंधित से पूछा तो उसने बताया कि उसे मोतियाबिंद होने से दिखाई नहीं देता। बाबू यह सुनकर द्रवित हो गए और उसी दिन उन्होंने मोतियाबिंद के उपचार का संकल्प ले लिया। पहली बार 1950 में उन्होंने मोतियाबिंद के निःशुल्क ऑपरेशन के लिए शिविर लगाया। तभी से शिविरों का सिलसिला चल रहा है। पूरे देश में अब तक करीब 20 लाख गरीब और जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क ऑपरेशन कर नेत्र ज्योति लौटाई जा चुकी है।

मुझे भूल जाना पर नेत्र यज्ञ को नहीं- श्री रणछोड़दास जी

वसाणी के अनुसार श्री रणछोड़दास जी बापू का दिव्य संदेश है कि- ‘मरीज मेरे भगवान हैं, मुझे भूल जाना पर नेत्र यज्ञ को नहीं भूलना।’ वसाणी और तिवारी ने बताया बापू के इसी ध्येय वाक्य को लेकर ट्रस्ट सेवा का यह प्रकल्प संचालित कर रहा है। उन्होंने सभी से अपील की है कि मोतियाबिंद से ग्रसित ज्यादा से ज्यादा गरीब और जरूरतमंद लोगों को शिविर के बारे में जानकारी देकर उनके जीवन में रोशनी फैलाने के नेत्र यज्ञ में सहयोग रूपी आहुति देकर पुण्य अर्जित करें।

इनसे करें संपर्क

ट्रस्ट से जुड़े मणींद्र तिवारी ने बताया कि पंजीयन के लिए शाम 7 से रात 9 बजे तक अर्चना केमिस्ट स्टेशन रोड पर अथवा मोबाइल नंबर 7999646262 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा शिविर के बारे में अधिक जानकारी के लिए 8866122267, 8460928508 एवं 9586308178 पर भी संपर्क किया जा सकता है।


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By Admin

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