Ratlam/ जिले के रतलाम आईए थाना क्षेत्र अंतर्गत एक माह पूर्व हुई मारपीट की घटना और जाति सूचक शब्दो से अपमानित करने वाले तीन आरोपियों को न्यायालय द्वारा जमानत याचिका निरस्त करते हुए जेल भेजने के आदेश दे दिए
प्राप्त जानकारी अनुसार पीड़ित मितेश जगन्नाथ ने दर्ज एफआईआर में घटना बताई थी की वह सोशल वर्कर है और किराना दुकान का संचालन करता है तथा एक आरोपी देर रात मेरी दुकान के सामने कुत्ते से गंदगी करवा रहा था जिसकी विडियो पीड़ित ने बनाई थी , जिस पर अन्य आरोपी अज्जू, साहिल, मुकुल मेरी दुकान पर आए और जाति सूचक शब्दो का प्रयोग करते हुए मेरे साथ धारदार नुकीली वस्तुओ से मारपीट करने लगे थे और जान से खत्म करने की धमकी दे रहे थे ,
बताया जाता है की पीड़ित मितेश मध्यम वर्गी और दलित परिवार से आता है और साथ ही वह RTI activist भी है जो की जनता ओर आम जन में संविधान अधिकारों की जागरूकता के लिए कार्य करता है , पीड़ित मितेश द्वारा आम जन की सुरक्षा और अधिकारो को ध्यान में रखते हुए आरोपियों पर एफआईआर करवाई है , पूर्व में भी मितेश और उसके परिवार को आरोपियों द्वारा जाति सूचक शब्दो से अपमानित किया गया था
इन धाराओं में हुई आरोपीयों पर एफआईआर दर्ज – :
आरोपीगण के विरूद्ध आरक्षी केन्द्र केन्द्र माणकचौक रतलाम में अपराध कमांक 730/24, धारा 296, 331 (6),115 (2), 351 (3), 3 (5) भारतीय न्याय संहिता एवं धारा 3 (1) (द), 3 (1) (घ), 3 (2) (5) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया
आखिर क्या कहता है SC / ST एक्ट – :
एससी-एसटी एक्ट या हरिजन एक्ट उस व्यक्ति पर लगता है, जो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगो को छोडकर किसी अन्य वर्ग से संबंध रखता है और किसी भी तरह से किसी SC/ST वर्ग के लोगो पर अत्याचार करता या उनका अपमान करता है, तो उसके खिलाफ अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 के तहत कानूनी की जाती है , SC/ST एक्ट के तहत छह महीने से लेकर उम्रकैद तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
