रतलाम – :
रतलाम के कांग्रेस नेता शीतल सेन धारा लगाई गईं याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने रतलाम नगर निगम आयुक्त ए पी एस गहरवार सहित अन्य लापरवाह अफसरों को फरमान जारी करके चार हफ्तों में जवाब मांगा है ,
रतलाम का नगर निगम वह नगर निगम है जहा के अफसर अब प्रदेश की हाई कोर्ट को अब हल्के में लेते जा रहे है , और हाई कोर्ट के सम्मान को नीचा करते जा रहे है , क्योंकि यहां के अफसर तो सिर्फ अफसशाही के नशे में चूर हो कर भ्रष्ट अफसरों को पनाह देने में जो लगे हुए है , शायद निगम के लापरवाह अधिकारियों को यह नही पता है की वह जिसके आदेशों का अपमान कर रहे है वह भी प्रदेश की हाई कोर्ट है और उनके आदेश का पालन न करना उन्हे भारी महंगा भी पड़ सकता है
हाई कोर्ट द्वारा जारी किया गया आदेश


आखिर किस मामले में किया हाई कोर्ट ने लापरवाह अफसरों को फरमान किया जारी
निगम के अफसरों ने आदेश पर अमल करना जरूरी नहीं समझा। इससे परेशान होकर सेन ने एडवोकेट जी. के. पाटीदार के माध्यम से न्यायालय की अवमानना के संबंध में याचिका दायर की। न्यायलय मामले में नगर निगम आयुक्त और उपायुक्त को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने अफसरों से 4 सप्ताह में देने के लिए फरमान जारी किया है।
पुर्व में भी आयुक्त पर लगे है लोकायुक्त को ललकारने के गंभीर आरोप और अब हाई कोर्ट के आदेश की उड़ा दी धज्जिया
– : नगर निगम आयुक्त ए पी एस गहरवार द्वारा पूर्व में रतलाम के नगर निगम में हुए भ्रष्टाचार पर जब मिडिया द्वारा उनसे पक्ष जाना तो आयुक्त साहब ने कहा की लोकायुक्त की ओकात नही की वह मुझे नोटिस दे दे और अब हाई कोर्ट द्वारा जारी आदेश की भी धज्जिया उड़ा कर रख दी है .
. स्वतंत्र कलम न्यूज द्वारा जब शिकायत कर्ता कांग्रेस नेता शीतल सेन से चर्चा की तो उन्होंने बताया की मेरे द्वारा नगर निगम ने बनाने के लिए मेरे द्वारा नगर निगम में आवेदन दिया गया था किंतु मेरा कार्ड नही बनाया गया मेने हाई कोर्ट में जन हित याचिका दायर की थी और कोर्ट द्वारा मेरा संबल कार्ड बनाए जाने के लिए नगर निगम रतलाम को आदेश जारी किया था किंतु निगम द्वारा समय सीमा बीतने पर भी अब तक मेरा कार्ड नही बनाया गया जिस पर कोर्ट द्वारा पुन : नोटिस जारी कर चार हफ्तों ने जवाब देने को कहा है। .
