ओरंगाबाद – : विश्व मानवधिकार दिवस के उपलक्ष पर अंत राष्ट्रीय मानवाधिकार न्यायिक सुरक्षा परिषद् द्वारा महाराष्ट्र के ओरंगाबाद में अजीमो शान प्रोग्राम आयोजित किया गया , जिसमे देश भर से बड़ी संख्या में परिषद् के सदस्य और# पदाधिकारी शामिल हुए
आयोजित समारोह का उद्देश्य वर्ष भर सामाजिक और मानव हित में किए गए सर्वश्रेष्ठ कार्य की व्याख्या करना है और सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले परिषद् के सदस्य और पदाधिकारियों का सम्मान करना है तथा सर्व परिषद् को एकत्रित करने हेतु सम्पूर्ण भारत से सदस्यों और पदाधिकारियों को आमन्त्रित किया गया है , परिषद की बैठक में और अधिक से अधिक सामाजिक कार्य ओर खास कर नशे पर कार्य करने के लिए निर्णय हुआ
परिषद द्वारा आमंत्रित किए गए राज्य उपाद्यक्ष राजेश शर्मा , सलामुद्दीन कुरेशी जिला उपाध्यक्ष इरफान कादरी कानूनी सलाहकार , करामत खान जिला महासचिव करामत खान जिला सचिव होसीला प्रसाद दुबे राष्ट्रीय अध्यक्ष , राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष कुलदीप सिंह , कश्मीर से आमंत्रित शबनम मेहराज साहित बड़ी संख्या में पदाधिकरी और सदस्य मौजूद रहे ….
जानिए क्यूं मनाया जाता है विश्व मानवधिकार दिवस
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने 10 दिसंबर, 1948 को विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी कर प्रथम बार मानवों के अधिकार के बारे में बात रखी थी। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस दिन की घोषणा 1950 में हुई। वहीं, भारत में 28 सितंबर, 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में लाया गया था और 12 अक्तूबर, 1993 को ‘राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग’ का गठन किया गया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1948 को घोषणा पत्र को मान्यता दिए जाने पर 10 दिसंबर का दिन मानवाधिकार दिवस के लिए निश्चित किया गया।
आखिर क्या है अंत राष्ट्रीय मानवाधिकार न्यायिक परिषद
यह सार्वभौमिक मान्यता का प्रतिनिधित्व करता है कि बुनियादी अधिकार और मौलिक स्वतंत्रता सभी मनुष्यों के लिए अंतर्निहित हैं, अपरिहार्य हैं और सभी के लिए समान रूप से लागू हैं, और हम में से हर कोई स्वतंत्र पैदा हुआ है और गरिमा और अधिकारों में समान है। हमारी राष्ट्रीयता, निवास स्थान, लिंग, राष्ट्रीय या जातीय मूल, रंग, धर्म, भाषा, या कोई अन्य स्थिति जो भी हो, 10 दिसंबर 1948 को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने हम सभी के लिए सम्मान और न्याय बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई।






